लंदन में इमिग्रेशन रैली पर एलन मस्क का बड़ा बयान
लंदन में इमिग्रेशन विरोधी रैली पर एलन मस्क बोले – लड़ो या मरो, हिंसा की आग हर किसी तक पहुंचेगी। बयान पर मचा राजनीतिक बवाल।
लंदन में हाल ही में आयोजित इमिग्रेशन विरोधी रैली के बाद दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला-एक्स के सीईओ एलन मस्क का बयान सुर्खियों में है। मस्क ने कहा कि इमिग्रेशन से जुड़े मुद्दों को हल्के में लेने का समय खत्म हो चुका है। उनके अनुसार, पश्चिमी देशों के नागरिकों के पास अब केवल दो विकल्प बचे हैं – या तो वे इस स्थिति का डटकर मुकाबला करें या फिर हिंसा और अराजकता के शिकार बनें।
लड़ो या मरो, हिंसा की आग हर किसी तक पहुंचेगी।
मस्क ने अपने बयान में कहा कि “हिंसा की आग उन तक जरूर पहुंचेगी जो अभी चुप हैं।” यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और इसे लेकर बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग मस्क के बयान का समर्थन कर रहे हैं और इसे ‘वास्तविकता का आईना’ बता रहे हैं, वहीं कई लोग इसे अत्यधिक भड़काऊ मानते हैं और कह रहे हैं कि इस तरह के बयान से समाज में विभाजन और बढ़ेगा।
लंदन में इमिग्रेशन के खिलाफ यह रैली काफी बड़ी थी, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि लगातार बढ़ रही इमिग्रेशन से शहर की अर्थव्यवस्था, कानून-व्यवस्था और रोजगार पर दबाव बढ़ रहा है। कई लोग इसको सांस्कृतिक असंतुलन से भी जोड़ रहे हैं।
एलन मस्क का बड़ा बयान
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एलन मस्क का यह बयान केवल सोशल मीडिया पर ध्यान खींचने का तरीका नहीं है, बल्कि यह पश्चिमी देशों में बढ़ते इमिग्रेशन विवाद की गंभीरता को भी दर्शाता है। मस्क पहले भी यूरोप और अमेरिका में बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर चिंता जता चुके हैं।
हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे बयान प्रवासियों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दे सकते हैं। उनका कहना है कि इमिग्रेशन से समाज को कई तरह के फायदे मिलते हैं और समस्या का हल संवाद और नीतियों में सुधार से निकाला जाना चाहिए, न कि डर और हिंसा की बात करके।
मस्क का यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि क्या पश्चिमी सरकारें इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाती हैं या यह बहस सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित रह जाती है।