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SCO शिखर सम्मेलन में मोदी की कूटनीति, पाक को झटका

SCO शिखर सम्मेलन में मोदी की कूटनीति, पाक को झटका

SCO शिखर सम्मेलन में मोदी की कूटनीति, पाक को झटका

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन एक बार फिर भारत की कूटनीतिक ताकत का गवाह बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंच पर न सिर्फ भारत की स्पष्ट नीति और मजबूती का प्रदर्शन किया, बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी करारा संदेश दिया।

SCO शिखर सम्मेलन में मोदी की कूटनीति

सूत्रों के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान जब विभिन्न देशों के नेता आपसी बातचीत में व्यस्त थे, तब पीएम मोदी ने कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान से दूरी बनाए रखी। मोदी ने जहां रूस, चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, वहीं शहबाज शरीफ से उन्होंने बातचीत से परहेज किया। इस रुख से यह साफ हो गया कि भारत, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश से किसी भी तरह के सामान्य संबंध बनाने के मूड में नहीं है।

भारत की कूटनीति का यह रुख न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मजबूत संदेश है। मोदी ने इस दौरान स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने हितों और सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान, जो लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद को संरक्षण देता आ रहा है, उसके प्रति भारत की यह दूरी रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।

विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि मोदी का यह कदम योजनाबद्ध था। उन्होंने SCO जैसे बहुपक्षीय मंच पर दिखा दिया कि भारत किसी भी तरह से पाकिस्तान को महत्व देने के पक्ष में नहीं है। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस पूरी स्थिति को देखते रहे और उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस कूटनीतिक चाल से भारत ने एक तीर से कई निशाने साधे। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को मजबूत किया, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान को अलग-थलग करने का काम भी किया।

कुल मिलाकर, SCO सम्मेलन में पीएम मोदी का यह कदम भारत की आक्रामक और स्पष्ट विदेश नीति का हिस्सा है, जिसने पाकिस्तान को गहरा संदेश दिया है कि आतंकवाद और शांति साथ-साथ नहीं चल सकते।