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“टैरिफ वॉर के बीच मोदी-पुतिन की मुलाकात, दिखी दोस्ती”

मोदी-पुतिन की मुलाकात

“टैरिफ वॉर के बीच मोदी-पुतिन की मुलाकात, दिखी दोस्ती”

“टैरिफ वॉर के बीच मोदी-पुतिन की मुलाकात, दिखी दोस्ती”

टैरिफ वॉर के बीच मोदी-पुतिन की मुलाकात, दिखी गहरी दोस्ती

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ने एक नया संदेश दिया है। दोनों नेताओं ने आपसी गले लगकर दुनिया को यह दिखा दिया कि भारत और रूस के रिश्ते केवल कूटनीतिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी गहरे हैं।

मोदी-पुतिन की मुलाकात

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से वैश्विक बाजार अस्थिर हैं, लेकिन भारत और रूस ने मिलकर अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत दिया है।

 

मोदी और पुतिन की बातचीत में रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा हुई। खासकर आतंकवाद से निपटने और बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था को मजबूत बनाने पर दोनों नेताओं ने जोर दिया।

 

भारत और रूस का रिश्ता दशकों पुराना है। रक्षा सौदों से लेकर अंतरिक्ष अनुसंधान तक दोनों देश एक-दूसरे के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं। मुलाकात में यह भरोसा और भी मजबूत होता नजर आया। गले मिलते हुए दोनों नेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे यह साफ झलकता है कि रिश्ते केवल औपचारिक नहीं बल्कि दिल से जुड़े हैं।

 

टैरिफ वॉर के बीच यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीतिक मजबूती का भी परिचायक है। मोदी ने यह संदेश दिया कि भारत किसी एक ध्रुव पर निर्भर नहीं है, बल्कि बहुपक्षीय संबंधों के जरिए वैश्विक राजनीति में अपनी मजबूत स्थिति बना रहा है।

 

रूस के साथ बढ़ते संबंध न सिर्फ रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अहम हैं, बल्कि यह भारत के लिए ऊर्जा और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में स्थिरता सुनिश्चित करते हैं। पुतिन और मोदी की यह मुलाकात भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों