SCO में पुतिन से मिलने को बेचैन दिखे शहबाज शरीफ
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शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में इस बार का नजारा बेहद दिलचस्प रहा। सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने का उत्साह चर्चा का विषय बन गया। शहबाज शरीफ न केवल पुतिन से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़े, बल्कि ऐसा लगा जैसे वह उनसे मिलने को बेचैन हों।
SCO में पुतिन से मिलने को बेचैन दिखे शहबाज शरीफ
मीडिया रिपोर्ट्स और सामने आए वीडियो में देखा गया कि बैठक स्थल पर प्रवेश करते ही शहबाज शरीफ तेजी से पुतिन की ओर बढ़े और उनका हाथ थाम लिया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और लोग इसे पाकिस्तान की हताश कूटनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान वर्तमान समय में आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। ऐसे में शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सक्रियता दिखाने के लिए उत्सुक नज़र आए। खासतौर पर रूस के साथ संबंधों को मजबूत करना पाकिस्तान के लिए ऊर्जा और रक्षा सहयोग के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
हालांकि, यह तस्वीर पाकिस्तान की कूटनीतिक कमजोरी को भी उजागर करती है। भारत, चीन और रूस जैसे बड़े देश जहां अपनी रणनीति और मुद्दों को मजबूती से रख रहे थे, वहीं पाकिस्तान अपने अस्तित्व और समर्थन की तलाश में नज़र आया।
सम्मेलन के दौरान पुतिन ने भले ही शहबाज शरीफ से हाथ मिलाया और औपचारिक बातचीत की, लेकिन रूस की प्राथमिकता साफ तौर पर भारत और चीन के साथ सहयोग पर ही केंद्रित रही। पाकिस्तान के लिए यह स्थिति असहज रही क्योंकि उसे उम्मीद थी कि पुतिन के साथ मुलाकात से उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थोड़ी मजबूती मिलेगी।
SCO बैठक में यह घटना बताती है कि पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से खुद को साबित करने के लिए कितनी कोशिशें कर रहा है। लेकिन उसकी जल्दबाजी और उतावलापन यह भी दिखाता है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
कुल मिलाकर, पुतिन से हाथ मिलाने के लिए दौड़ते हुए पहुंचे शहबाज शरीफ की तस्वीर पाकिस्तान की हताशा और कमजोर कूटनीति का प्रतीक बन गई है।